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मुझे भूतो से डर लगता है 😢

मै जब भी अकेला होता हू इधर उधर की अबाजे सुनता हूँ मेरा मन घबरा जाता है अक्सर ये तब होता है जब मेरे आश पास कोई नही होता या रात का बक्त होता है तब मुझे ऐसा लगता है मेरे आश पास कोई है जो मुझे छुपकर देख रहा है कभी कभी मै ईतना डर जाता हूँ पसीने भी आ जाते है मै बिना हिले डुले लिहाफ़ मै मुँह घुसाकर लेट जाता हूँ,, मेने कई बार भूत-प्रेत को महसूस किया है,, जगह-जगह पर टोटके देखे है,, लोगो के सर पर भूत आते देखे है,, अपने आस पास के लोगो को भूतो के बारे में बाते करते सुना है। चाहे लोग कुछ भी कहे मुझे पक्का बिशबास है भूत होते है,, पर इसकी बजाह से मैं रात को पढ़ भी नही पाता दिन मैं मुझे टाईम नही मिलता,, मेने इस बारे मैं एक दोस्त से बात की उसने बताया,, तुम्हे लाख बजाह मिल जाऐंगी की भूत होते है, और लाख बजाह ही मिल जाऐंगी की भूत सिर्फ मन का एक बहम है  😴 तुम दोनो में से किसी भी एक चीज को चुन सकतो हो। "पर मुझे पक्का बिशबास है, भूत होते है अब बताऔ मैं क्या करूँ" 😈 उसने बताया,, अगर तुम मानते हो भूत है,, तो तुम मान सकते हो इसमें कोई परेशानी नही है 😛 लेकिन जब भूत तुम्हारे स

पढ़ने में मन नही लगता,, टीचर और स्टूडेंट की कहानी।

आज कपिल के मन में काफी सारे सबाल है,
बो उलझा-उलझा स्कूल जाता है,,
अपने सबालो के जबाब के लिए


कपिल स्कूल में घूसते-घूसते मन में बोलता है:
 बेटे आज तो बैंड बजेगी "धीमी-धीमी आबाज में,

Kapil. मेम अंदर आए

Teacher. नही बाहर ही मुर्गा बन जाऔ

Kapil. sorry mam आगे से लेट नही आऐंगे

"मेम सिर हिलाकर मना कर देती है"

Kapil. sorry mam please

Mam. रोजाना लेट आना जरूरी है क्या

Kapil. mam बो एक मोजा नही मिल रहा था, तो 5 मिनट लेट हो गया,, फिर दोनो जूते नही मिल रहे तो 10 मिनट और लेट हो गया

Teacher. एक तो तुम कभी पड़ते नही, ना कभी टाइम पर स्कूल आते आज शक्ल दिखाने आए तो बो भी लेट, बेटा अगर ऐसे ही चलता रहा तो जिंदगी में कभी कुछ नही कर पाओगे,

Kapil. करूँगा ना मम्मी sorry mam मैं बहुत कुछ करूँगा, इसलिए तो स्कूल आया हूँ

Mam. तो क्या करोगे तुम अपनी जिंदगी मैं

Kapil. पहले अंदर तो बुलाइएँ

Mam. आऔ

Kapil. मेम हमारे पास ना एक छोटा सा घर है, बो भी किराए का मेरे पापा भी महीने का 8, 10 हजार कमाते है, पर मैं चाहता हूँ मेरे पास एक खुद का घर हो, सब कुछ हो और हम आराम से रहे,, तो इसके लिए मैं क्या करूँगा

Mam. हूँहह क्या करोगे

Kapil. नही आप बताइए मैं क्या करूँगा

Mam. अच्छा तो अब तुम दिल लगाकर पढाई करो इस बार inter में अच्छे नंबर लेकर आऔ फिर अच्छी सी जाँब मिलेगी और बस फिर तुम्हारे सपने पूरे हो जाऐंगे

Kapil. कोई short cut नही है

Mam. अब कोई जादू की गुट्टी हो तो नही जो तुम्हे पिला दूँ और सब हो जाएँ

Kapil. अब आप भी मुझे नही समझ रही हो,, तो कौन समझेगा मुझे

Mam. हाँ समझाऔ

Kapil. मेम मुझे न बिल्कुल भी मजा नही आता किताबो को बार-बार रटने में दिमाग में दर्द होने लगता है कुछ देर में सब भूल जाता हूँ तो कोई ऐसा रास्ता तो होगा जो किताबे ना पड़नी पड़े और सब कुछ हो जाए
मतलब जो-जो अच्छा लगे बो-बो पड़ लूँ सब कुछ पेपरो तक ना याद रखना पड़े

Mam. हमें कोनसा मजा आता था जब हम पड़ते थे, मगर अब देखो सब हमसे मेम करके बात करते है सब इज्जत करते है,
जिसकी तुमने बात की अभी घर बो भी है हमारे पास

Kapil. हूँहह....

Mam. अभी तुम छोटे हो इसलिए समझ नही आ रहा है मेहनत तो हर काम में करनी पड़ती है
बर्ना बाद में सिर्फ पछताना ही रह जाता है।

Kapil. मेम आपने क्यु पड़ा था फिर बो इतना सब

"Mam मुँह से तेज साँस छोड़ती है"
बेटा अब तुम घर जाऔ आराम करके 4-5 दिन बाद आना

Kapil. नही मेम मेरा मतलब जब आपको भी अच्छा नही लगता था, तब क्यु पड़ा

Mam. अगर नही पड़ती तो यहाँ नही होती

Kapil. हाँ फिर आप बहुत ही नीची पोस्ट पर होती या बहुत ही ऊँची पोस्ट पर

Mam. मतलब

Kapil. रूकिए मेम मैं आपको एक चीज दिखाता हूँ,
ये देखिए ये मेने google पर देखा,

"एल्बर्ट आइंस्टीन" ने कहा था,,

"मैं ऐसी किसी भी चीज को याद नही रखता जो किताबो में ढूढने से आसानी से मिल जाती है"

यहाँ तक की उन्होने अपना मोबाइल नंबर घर का पता कुछ भी याद नही किया,

और आप तो मुझे बैसे ही चीजे याद रखने को कह रही हो जो किताबो में और google पर तो 2 second में मिल जाती है।

"मेम पूरी तरह शाँत होकर kapil को देखने लगीं"

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